भारत सरकार का एक नया अभियान : आत्मनिर्भर भारत अभियान

        

INDIA ECONOMY

भारत सरकार का एक नया अभियान  आत्मनिर्भर भारत अभियान

भारत सरकार का एक नया अभियान : आत्मनिर्भर भारत अभियान 

करोना काल  के दौरान लॉक डाउन की स्थिति मे विभिन्न देशो क साथ-साथ भारत की भी अर्थ व्यवस्था चरमरा गयी है| साथ  ही साथ अपने यहा जो  ग़रीब , मजदूर और किसान वर्ग का जिंदगी बीच मजधार मे डूबते नाव की भाति हो गयि है| परंतु सुकून की बात ये है की खेवनहार के रूप मे हमारे देश के नेत्रित्व करता और विश्वा प्रसिद्ध लोक प्रिय नेता मोदी जी के द्वारा पूरा प्रयाश किया जा रहा है की नाव को केवल डूबने से ही बचाया ना जाए बल्कि उसे किनारे लगाने का भी पूरा प्रायश कीया जाए भारत सरकार का एक नया अभियान : आत्मनिर्भर भारत अभियान (India Ecomomy) के द्वारा |

भारत सरकार का एक नया अभियान : आत्मनिर्भर भारत अभियान के मध्य नज़र भारत की वित्त मंत्री निर्मला सितारमण जी द्वारा गुरुवार 14 , 2020 को लगातार दूसरे राहत पैकेज ऐलान किया गया है | इनके दावरा 3.16 लाख करोरे रु. की कुल 9 योजनाओ का ऐलान किया गया है |
इस तरह निरमाला सितारामाण ने सरकार के 20 लाख करोर रुपये के खास दूसरे हिस्से को जनता के सामने गुरुवार को पेश किया है| इस मे ये साफ तौर पर लिखित है की इस दूसरे हिस्से से हमारे देश के ग़रीब प्रावशी मज़दूर ,किसान , फेरीवले और छोटे कारोबारियो के लिए लागू की गयी है, वित्त मंत्री का कहना है की इस से सभी ज़रूरतमंदों को जुड़ने का मौका मिलेगा|

ये 9 योजनाए कुछ इस प्रकार है:-

1, 2, 3)   इसमे 3 योजनाए प्रवासी मजदूरो के लिए... 

रासन कार्ड से पूरे भारत में अपने हिस्से की कही भी ले सकेंगे अनाज, जी  हा "वन नेशन वन    रासन कार्ड" (one nation one ration card) के अंतरगत् सभी लोगो के पास एक प्रकार का रासन कार्ड होगा और वो कही भी उसके द्वारा अपने क्षेत्रीय दामपर अनाज खरीद सकेंगे,  परंतु ये योजना पूरी तरह देश मे 2021 तक लागू होगा |

बिना पहचान पात्र वाले मज़दूर को भी हर माह 5 KG रासन सरकार ने ऐलान किया है |  सरकार का कहना है की जिस ग़रीब मज़दूर के पास रसन कार्ड और पहचान पात्रा नही है वो भी 2 महीने और पहचान पात्रा वालो की तरह 5 KG चावल/गेहू पर व्यक्ति तथा 1 KG दाल पर परिवार हर महीने प्राप्‍त कर सकेंगे |

सहरो में बनाई जाएँगी किराए की सस्ती आवासीय परियोजनाए , जिसके अंतर्गत ग़रीबो को सस्ते दम पे सहरो में आवॉश उपलब्ध हो पाएगा |
छोटे और सीमांत किसानो को तत्काल 30,000 Cr का क़र्ज़ मिलेगा |
2.5 Cr अतिरिक्त किसानो को सिघ्र मिलेगा (CCC) किसान क्रेडिट कार्ड |

6) एक योजना मध्यम वर्ग के उस तबको के लिए है जो अपना घर खरीदने का सपना देख रहे है|

7) एक योजना आदिवासी क्षेत्र मे रोज़गार उपलब्ध करने से जुड़ी है |

8, 9) दो मुद्रा लोन योजना से जुड़ी है, जिसका लाभ भीबड़े पैमाने पे मज़दूर उठा सकते है :-
मुद्रा योजना के तहत 50 लाख रेहडी पटरी वालों को 10 हज़ार RS  तक का क़र्ज़ मिलेगा,  जिससे की मज़दूरो को लाभ होगा |


मुद्रा स्कीम की शिशु योजना मे समय पर क़र्ज़ चुकाने वालों को 2 फीसदी की ब्याज सब्सिडी 12 महीने तक दी जाएगी | इस योजना पर पहले ही 3 महीने का मीरिटोरियम दिया गया है |
सरकार का कहना है की इन सभी 9 योजनाओ की सहयता से वह विभिन्न वर्गो को 3.16 लाख करोर रुपये का मदद देगी |

इस योजना से कुछ महीनो से चले आरहे बीमारी से हुवे नुकसान का भरपाई करने के लिए समाज के सबसे ज़रूरतमंद तबको के लिए ये बहुत बड़ा उपहार साबित होगा, जिससे हमारे देश की आर्थिक स्थिति को और ग़रीबी को कमजोर बनाने में मददगार साबित होगा और इससे हमारे अर्थव्यवस्था (Economy) को रफ़्तार मिलेगा|
इस समय देखा जा सकता है की इस बीमारी (COVID-19) से सबसे ज़यादा प्रभावित होने वाले यही कुछ तबके है जैसे- ग़रीब प्रावशी मज़दूर, किसान, फेरीवले और छोटे कारोबारि और सरकार इनके लिए जो भी महत्वपूर्ण कदम  उठाती है तो इससे पूरे देश के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है ।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय समूह में तीसरे दिन शुक्रवार को मीडिया के सामने पेश किया। इस दौरान उन्होंने पैकेज का  निर्धारण किया । आपको बता दें कि बुधवार और गुरुवार को भी उन्होंने कई बड़े ऐलान किये थे पत्रकारों के सामने  इस पैकेज से सम्बंधित, तीसरे प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकल वस्तुओ को महत्ता देने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तरफ से एलान किया है। इसके अलावा, किसान के बारे में कई जबरदस्त प्रस्तुतियां दी गई हैं। शुक्रवार की खुली बैठक की शुरुआत में, वित्त मंत्री ने कहा कि आज की चर्चा खेती की और किसान से सम्बंधित होगा ।
भारत सरकार का एक नया अभियान : आत्मनिर्भर भारत अभियान (India Ecomomy) के तहत शुक्रवार को वित्त मंत्री ने  11 पैकेज  का ऐलान किया, जिनमें से 8 बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, ब्रेकिंग पॉइंट बनाने और सहयोग में सुधार करने से संबंधित हैं, जबकि शेष संगठन और प्रशासनिक बदलाव से सम्बंधित है ।
  
लॉकडाउन समय अवधि के दौरान, (MSPएमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को लगभग 74,300 करोड़ रुपये से ज्यादा का कृत की गयी है ; पीएम किसान निधि को 18700 करोड़ का तोहफा।

COVID-19 लॉकडाउन अवधि के दौरान, दूध के प्रति उत्साह 20-25% तक कम हो गया है। 2020-21 में 2% प्रति वर्ष की दर से डेयरी सहकारी समितियों को ब्याज प्रायोजन प्रदान करने की एक और व्यवस्था शुरू की गई है। इस व्यवस्था के तहत, 5000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे से 2 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे।

संगठन तेजी से किसानों के लिए फार्म गेट के स्थापित करने के लिए लाख करोड़ रुपये की कृषि प्रणाली निधि स्थापित करने जा रहा है।

संगठन ने माइक्रो फूड एंटरप्राइज (एमएफई) के लिए 10,000 करोड़ रुपये का गेम प्लान बनाया है।

संगठन ने समुद्री और अंतर्देशीय मत्स्य पालन के लिए 20,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री आवास योजना शुरू की है। 55 लाख लोगों को रोजगार देने के लिए इस कार्यक्रम की आवश्यकता है।

खुरपका-मुखपका और ब्रुसेलोसिस के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम 13,343 करोड़ रुपये की कुल वृद्धि के साथ स्थानांतरित किया गया था |

हर्बल खेती की विकास को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़ रुपये भेजे गए हैं; 2 वर्षों में 10,00,000 हेक्टेयर भूमि पर काम  किया जाएगा |

15,000 करोड़ रुपये का पशु विकास प्रणाली सुधार विकाश ढांचा स्थापित किया जाएगा।
संपूर्ण मधुमक्खी पालन सुधार, वर्गीकरण, संवर्धन और क्षमता केंद्रित और सम्मान विस्तार कार्यालयों के साथ पहचाने जाने वाले ढांचे की उन्नति के लिए 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था निष्पादित की जाएगी; इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों के वेतन का निर्माण होगा |
टमाटर, प्याज और आलू (टीओपी) ऑपरेशन ग्रीन्स से जुड़े सभि फलो और सब्जियो तक बढ़ावा दिया जाएगा।
किसानों को बेहतर दाम देने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम को समायोजित किया जाएगा; किसनो के उत्तपादन में अनाज, खाद्य तेल, तिलहन, दाल, प्याज और आलू को नियंत्रनमुक्कत किया जयेगा।
किसानों को उनकी उपज के लिए असाधारण प्रेरणा देने के लिए पर्याप्त विकल्प देने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाया जाएगा, साथ ही इन पंक्तियों में बार-बार होने वाले व्यापार और पौधों की उपज की ई-खरीद के लिए एक गाइड भी बनाया जाएगा।
जायके, एग्रीगेटर्स, जबरदस्त खुदरा विक्रेताओं, कृषि व्यवसायियों को एक निर्दोष और प्रत्यक्ष तरीके से भाग लेने के लिए किसानों के लिए एक सहायक वास्तविक बांड बनाया जाएगा भारत सरकार का एक नया अभियान : आत्मनिर्भर भारत अभियान (India Ecomomy) के तहत



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